Intrinsic Value Meaning in Hindi | आंतरिक मूल्य क्या है? इसे कैसे निकालते हैं?

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शेयर बाजार में “आंतरिक मूल्य” (Intrinsic Value) शब्द का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। वॉरेन बफेट जैसे कई सफल निवेशकों ने इस अवधारणा का उपयोग करके शेयर मार्किट में बहुत बड़े बड़े profit कमाये है, और वे आज भी इसका इस्तमाल करके profit कमा रहे हैं | तो आजकी इस blog post मैं हम यही समझने की कोशिश करेंगे की Intrinsic value kya hai, intrinsic value meaning in hindi, how to calculate intrinsic value of share, इन्ट्रिंसिक वैल्यू जानने के फायदे इत्यादि | तो चलिए बिना किसी देरी के समझते हैं की आख़िर Intrinsic value kya hai (intrinsic value meaning in hindi)|

Intrinsic Value Meaning in Hindi

इन्ट्रिंसिक वैल्यू जिसे हम हिंदी में “आंतरिक मूल्य” के नाम से जानते हैं, वह असल में किसी भी शेयर की “वास्तविक किंमत” को संभोदित करता हैं | मतलब उस कंपनी के वित्तीय स्थिति के हिसाब से जो कंपनी का असली मूल्य निकल के आ रहा है वह मूल्य मतलब “आंतरिक मूल्य” |

“आंतरिक मूल्य” मौलिक विश्लेषण के माध्यम से निर्धारित कंपनी, स्टॉक, मुद्रा या उत्पाद का अनुमानित या गणना मूल्य है। इसमें मूर्त (tangible) और अमूर्त (intangible) कारक शामिल हैं। आंतरिक मूल्य को वास्तविक मूल्य भी कहा जाता है और यह वर्तमान बाजार मूल्य के समान हो भी सकता है और नहीं भी।

शेयर बाजार के सबसे सफल निवेशकों में से एक वॉरेन बफेट ने अपने interviews में कहा है कि वे कम मूल्य वाली कंपनियों की पहचान करने के लिए आंतरिक मूल्य की अवधारणा का उपयोग करते थे । इस तकनीक का उपयोग करके, वह कम किमत पर शेयर्स को खरीदकर बादमें उन्ही शेयर्स को अछि किमत पर बेच दिया करते थे और अच्छाखासा मुनाफा कमाते थे |

लेकिन ये जरुरी नहीं की किसी भी कंपनी का stock आपको एकदम कम किमत मैं मिलेहि, ऐसा कभी कभार ही होता हैं, उदाहरण के लिए बोलू तो अभी corona के समय जब stock मार्किट क्रैश हुआ था तब कई सारे अछे companies के शेयरस हमें कम समय केलिए कम किमत मैं मिल रहे थे और जिसकिसिने उस समय उन शेयर्स को उनके “आंतरिक मूल्य” के निचे ख़रीदकर रखा और corona का संकट ख़तम होने के बाद जब सबकुछ सहीसे चलने लगा और सारे शेयर्स अपनी असली किमत पर आये और तब बेचा,  तब बहुत ही मुनाफा कमाया होगा |

यह तो हमने आंतरिक मूल्य क्या है हिंदी में जाना (intrinsic value meaning in hindi या meaning of intrinsic in hindi) लेकिन क्या आप जानते है की गणना कैसे की जाती है? (आंतरिक मूल्य के मूल्यांकन की विधि या इन्ट्रिंसिक वैल्यू कैसे निकाले) अगर नहीं तो चलिए देखते है | 

How to calculate intrinsic value of share

फिलाह हमने समजा की meaning of intrinsic in hindi (intrinsic value meaning in hindi) क्या होता हैं, लेकिन चलिए अभी आसान शब्दों में समझने की कोशिश करते है, की intrinsic value kaise nikalte hain? (how to calculate intrinsic value of share?)

वैसे तोह इन्ट्रिंसिक वैल्यू निकालने के कई सारे तरीके है, और हर तरीके से आपको अलग अलग इन्ट्रिंसिक वैल्यू मिलेगी जो की उस तरीके से सही ही होती है इसलिए हम की सी एक तरीकेको सही या गलत नहीं बोल सकते | वैसे भी किसी भी तरीके से जो हम आंतरिक मूल्य (Intrinsic Value nikalte hain) निकालते है, वह एक तरह की अनुमानिक किमत हैं जो  कि हम कंपनी के वित्तीय स्थिति के हिसाब से निकालते हैं तोह वह एकदम से सही होगी ही ऐसे नहीं |

इन्ट्रिंसिक वैल्यू निकालने की पहली तकनीक

intrinsic value formula

पहली तकनीक जो हम देखने वाले है वह बेंजामिन ग्राहम की एक बहोत ही फेमस किताब “The Intelligent Investor” मैं से हैं | अगर आपने वह किताब पढ़ी हैं तो आपको वो तकनीक तो याद होगी हि, जिसका फॉर्मूला कुछ इस प्रकार हैं |

पहले तोह इस फॉर्मूले को एकदम आसनसी भाषा में समझते हैं | 

  1. E = (E) Earning Per Share ( मतलब कंपनी के आख़री १२ महीनो की earning वो भी per  share)
  2. 8.5 = Assumed Price Earning Ratio (8.5 इक्विटी पर न्यूनतम आवश्यक रिटर्न का प्रतिनिधित्व करने वाला एक स्थिरांक है।)
  3. G = Growth Rate (2 x अनुमानित विकास दर (G) कंपनी की कमाई की अपेक्षित वृद्धि का प्रतिनिधित्व करती है।)
  4. 4.4 = 4.4 उस समय ट्रिपल एएए बॉन्ड की औसत उपज का प्रतिनिधित्व करने वाला स्थिरांक है जब बेंजामिन ग्राहम ने इस सूत्र का प्रस्ताव रखा था।
  5. Y = अर्निंग यील्ड (Y) किसी कंपनी की प्रति शेयर आय और उसके शेयर की किमत का अनुपात है।

यह फॉर्मूला कंपनी की अनुमानित विकास दर और इक्विटी पर आवश्यक रिटर्न को ध्यान में रखते हुए एक कारक द्वारा कंपनी के प्रति शेयर आय को गुणा करके स्टॉक के आंतरिक मूल्य का अनुमान लगाने की कोशिश करता है।

तो अगर हमें इस फॉर्मूला के हिसाब से किसी भी कंपनी की वैल्यू calculate करनी है तो कैसे करेंगे चलये समजते है एक उदाहरण के साथ: 

Intrinsic value of wipro, यहां पे हम wipro कंपनी का उदाहरण लेते हैं | 

intrinsic value

आंतरिक मूल्य की गणना करने के लिए, हमें तीन चीजों की आवश्यकता होती है, (E) प्रति शेयर आय, (G) विकास दर, और (Y) औसत AAA कॉरपोरेट बॉन्ड उपज | इन वैल्यूज का पता लगाने केलिए हम कंपनी के वेबसाइट का इस्तमाल कर सकते है, लेकिन ऑनलाइन प्लेटफॉर्म Screener का इस्तेमाल करना इसे आसान बनाता है। यह प्लेटफॉर्म किसी भी लिस्टेड कंपनी की वित्तीय जानकारी तुरंत मुहैया कराता है। और (Y) औसत AAA कॉरपोरेट बॉन्ड उपज केलिए आप गूगल कर सकते हैं (india average aaa corporate bond yield)

Solution:

intrinsic value of wipro

तो इस हिसाब से, intrinsic value of wipro 289.6195 ₹ हैं | 

इसी तरह से हम intrinsic value of tcs, intrinsic value of tata steel भी निकाल सकते हैं |

इन्ट्रिंसिक वैल्यू निकालने की दूसरी तकनीक

Discounted Cash Flow (DCF) एक और लोकप्रिय तकनीक हैं जिसका इस्तमाल इन्ट्रिंसिक वैल्यू निकालने के लिए किया जाता है | DCF  तकनीक कंपनी के भविष्य के नकदी प्रवाह की भविष्यवाणी करके और उन्हें अपने वर्तमान मूल्य पर वापस छूट (discounting) कर स्टॉक के आंतरिक मूल्य का अनुमान लगाती है।

Discounted Cash Flow (DCF) के लिए फॉर्मूला कुछ इस प्रकार है:

Intrinsic value = (Future cash flows / (1 + discount rate)^n ) + Terminal value

पहले तोह इस फॉर्मूले को एकदम आसनसी भाषा में समझते हैं | 

  1. Future Cash Flows = फ्यूचर कैश फ्लो भविष्य में एक निर्दिष्ट अवधि के लिए अनुमानित कैश फ्लो हैं (आमतौर पर 5-10 वर्ष)
  2. Discount Rate = डिस्काउंट रेट, रिटर्न की आवश्यक दर है जो निवेशक स्टॉक पर अर्जित करने की उम्मीद करते हैं | 
  3. N = N प्रक्षेपण अवधि में वर्षों की संख्या है | 
  4. Terminal Value = टर्मिनल मूल्य प्रक्षेपण अवधि से परे कंपनी का अनुमानित मूल्य है | 

सरल शब्दों में, DCF पद्धति कंपनी के भविष्य के नकदी प्रवाह की भविष्यवाणी करके, धन के समय मूल्य (time value of money) को ध्यान में रखते हुए, और फिर उन्हें अपने वर्तमान मूल्य पर वापस छूट देकर स्टॉक के आंतरिक मूल्य का अनुमान लगाती है। DCF विधि द्वारा गणना की गई आंतरिक मूल्य सभी भविष्य के रियायती नकदी प्रवाह का योग है, यह विधि भविष्य के नकदी प्रवाह के वर्तमान मूल्य का पता लगाने में मदद करती है और कंपनी के आंतरिक मूल्य का मोटा अनुमान देती है।

यह ध्यान देने योग्य है कि DCF पद्धति के लिए भविष्य के बारे में कई धारणाएँ बनाने की आवश्यकता होती है, जैसे कि विकास दर, छूट दर और टर्मिनल मूल्य, जिससे आंतरिक मूल्य अनुमान में महत्वपूर्ण भिन्नता हो सकती है। इसलिए, डीसीएफ पद्धति का उपयोग करते समय यथार्थवादी मान्यताओं का उपयोग करना और अनुमानों की एक श्रृंखला पर विचार करना महत्वपूर्ण है।

यह दो तकनीके है जिनका इस्तमाल करके हम इन्ट्रिंसिक वैल्यू (आंतरिक मूल्य) निकाल सकते हैं | अभी तक हमने देखा की Intrinsic value kya hai (intrinsic value meaning in hindi या meaning of intrinsic in hindi) और फिर देखा आंतरिक मूल्य के मूल्यांकन की विधि, या इन्ट्रिंसिक वैल्यू कैसे निकाले? (how to calculate intrinsic value of share?) लेकिन क्या आप जानते है आंतरिक मूल्य का महत्व, या इन्ट्रिंसिक वैल्यू जानने के फायदे? अगर नहीं तोह चलिए जानते है एकदम आसान शब्दों में|

Intrinsic Value जानने के फायदे (Benefits of knowing the intrinsic value)

स्टॉक के आंतरिक मूल्य (Intrinsic Value) को जानने से निवेशकों को कई लाभ मिल सकते हैं। कुछ प्रमुख इस प्रकार:

  1. बेहतर निवेश निर्णय लेना: स्टॉक के आंतरिक मूल्य को समझकर, निवेशक स्टॉक खरीदने, रखने या बेचने के बारे में अधिक सूचित निर्णय ले सकते हैं। यदि आंतरिक मूल्य वर्तमान बाजार मूल्य से अधिक है, तो स्टॉक को अंडरवैल्यूड और एक अच्छा खरीदारी अवसर माना जा सकता है। दूसरी ओर, यदि आंतरिक मूल्य बाजार मूल्य से कम है, तो स्टॉक को ओवरवैल्यूड समजकर, संभावित बिक्री अवसर माना जा सकता है।
  2. स्टॉक के लिए ज्यादा किमत देने से बचना: स्टॉक के आंतरिक मूल्य को समझकर, निवेशक स्टॉक के लिए अधिक भुगतान करने से बच सकते हैं और निवेश पर पैसे खोने का जोखिम कम कर सकते हैं।
  3. भावनात्मक पूर्वाग्रहों को कम करना: आंतरिक मूल्य गणना स्टॉक का मूल्यांकन करने का एक अधिक उद्देश्यपूर्ण तरीका है और भावनात्मक पूर्वाग्रहों (emotional biases) को कम करने में मदद करता है जो निवेश निर्णयों को प्रभावित कर सकते हैं।
  4. संभावित मूल्य निवेश की पहचान करना: ऐसे शेयरों की पहचान करके जो अपने आंतरिक मूल्य से पर trade हो रहे हो, निवेशक संभावित मूल्य निवेश पा सकते हैं जो लंबी अवधि में उच्च रिटर्न उत्पन्न करने की क्षमता रखते हैं।
  5. मजबूत फंडामेंटल वाली कंपनियों की पहचान: आंतरिक मूल्य पद्धति का उपयोग करके, निवेशक मजबूत फंडामेंटल वाली कंपनियों की पहचान कर सकते हैं, जैसे कि स्थिर कमाई, अच्छा प्रबंधन और एक स्थायी प्रतिस्पर्धी लाभ।

आंतरिक मूल्य का महत्व (importance of intrinsic value)

किसी स्टॉक का आंतरिक मूल्य कई कारणों से महत्वपूर्ण माना जाता है। उनमेंसे कुछ प्रमुख कारण इस प्रकार:

  1. अंडरवैल्यूड स्टॉक्स की पहचान करना: किसी स्टॉक के आंतरिक मूल्य की गणना करके, निवेशक यह निर्धारित कर सकते हैं कि स्टॉक अपने वास्तविक मूल्य के संबंध में अंडरवैल्यूड है या ओवरवैल्यूड है। एक स्टॉक जो अपने आंतरिक मूल्य के लिए एक महत्वपूर्ण छूट पर कारोबार कर रहा है, उसे अंडरवैल्यूड और एक अच्छा खरीदारी अवसर माना जा सकता है।
  2. निवेश जोखिम को कम करना: स्टॉक के आंतरिक मूल्य को समझकर, निवेशक स्टॉक के लिए अधिक भुगतान करने से बच सकते हैं और निवेश पर पैसा खोने का जोखिम कम कर सकते हैं।
  3. सूचित निवेश निर्णय लेना: आंतरिक मूल्य निवेशकों को स्टॉक का मूल्यांकन करने का अधिक सटीक और वस्तुनिष्ठ तरीका प्रदान कर सकता है, जो उन्हें अधिक सूचित निवेश निर्णय लेने में मदद कर सकता है।
  4. दीर्घकालिक परिप्रेक्ष्य: आंतरिक मूल्य की गणना अक्सर लंबी अवधि के नकदी प्रवाह अनुमानों का उपयोग करती है और निवेशकों को उन कंपनियों की पहचान करने में मदद करती है जो लंबी अवधि में उच्च रिटर्न उत्पन्न करने की क्षमता रखते हैं।

यह भी पढ़ें: Equity Meaning in Hindi | इक्विटी मार्केट क्या होता है?

निष्कर्ष

आंतरिक मूल्य स्टॉक के वास्तविक मूल्य का माप है, जो इसके बाजार मूल्य से स्वतंत्र है। यह निर्धारित करने का एक तरीका है कि कोई स्टॉक अपने वास्तविक मूल्य के संबंध में अंडरवैल्यूड है या ओवरवैल्यूड है। आंतरिक मूल्य की गणना कंपनी के वित्तीय, भविष्य के नकदी प्रवाह और अन्य प्रासंगिक कारकों का विश्लेषण करके की जाती है। 

स्टॉक के आंतरिक मूल्य को जानने से निवेशकों को बेहतर निवेश निर्णय लेने, स्टॉक के लिए अधिक भुगतान करने से बचने, भावनात्मक पूर्वाग्रहों को कम करने, संभावित मूल्य निवेश की पहचान करने और मजबूत मौलिक सिद्धांतों वाली कंपनियों की पहचान करने जैसे कई लाभ मिल सकते हैं।

लेकिन यह ध्यान रखना जरुरी है कि निवेश निर्णय लेते समय केवल आंतरिक मूल्य पर विचार नहीं करना चाहिए, कंपनी के प्रबंधन, वित्तीय और उद्योग के रुझान जैसे अन्य कारकों को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए।

मुझे उम्मीद है कि उपर दिया गया स्पष्टीकरण आपको Intrinsic value kya hai, intrinsic value meaning in hindi, how to calculate intrinsic value of share, इन्ट्रिंसिक वैल्यू जानने के फायदे इत्यादि, समझने में मददगार साबित हुआ हैं | 

मुझे नीचे comment box में अपने विचार बताएं |

Happy Learning 😊 & Happy Trading 😊.

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