क्या आपने कभी निफ्टी 50 के बारे में सुना है? यह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड भारत की सबसे बड़ी कंपनियों की लिस्ट है। जो एक तरह से हमारे देश की प्रगति को दर्शाते है। आज इस पोस्ट में हम देखेंगे कि Nifty kya hai? Nifty कैसे काम करता है, निफ़्टी में कोण कोण सी कम्पनिया शामिल है, निफ़्टी की गणना कैसे की जाती है, Nifty 50 में ट्रेडिंग कैसे करते है?
Nifty Kya Hai
निफ्टी 50 या जिसे हम नेशनल स्टॉक एक्सचेंज फिफ्टी के रूप में भी जानते है। इसे निफ्टी 50, निफ्टी सिंपल या निफ्टी सीएनएक्स के नाम से भी जाना जाता है। यह भारत में बड़ी कंपनियों के लिए एनएसई (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) पर एक बेंचमार्क इंडेक्स है। इसमें 14 विभिन्न क्षेत्रों के 50 स्टॉक शामिल है।
निफ़्टी 50 का उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जाता है जैसे बेंचमार्किंग फंड पोर्टफोलियो, इंडेक्स आधारित डेरिवेटिव और इंडेक्स फंड।
जैसे की मैंने कहा इसमें 14 विभिन्न क्षेत्रों के 50 स्टॉक शामिल है, इनमें उर्वरक और कीटनाशक, वित्तीय सेवाएं, सूचना प्रौद्योगिकी, धातुएं, उपभोक्ता वस्तुएं,फार्मास्यूटिकल्स, मनोरंजन और मीडिया, सीमेंट, ऑटोमोबाइल, दूरसंचार, ऊर्जा, सर्विस आदि शामिल हैं। यह भारत की सबसे बड़ी और सबसे अधिक तरल कंपनियां हैं।
निफ़्टी 50 एक प्रमुख इंडेक्स है जिसके अंदर और भी बड़ी संख्या में उप-सूचकांक शामिल हैं। इसमें निफ्टी बैंक, निफ़्टी मेटल, निफ़्टी फार्मा, निफ्टी आईटी, निफ्टी नेक्स्ट 50 इत्यादि इसमेसे हर इंडेक्स परिसंपत्ति वर्गों, क्षेत्रों, या खंडों का विवरण देता है।
अगर आप बैंक निफ्टी के बारे में जानना चाहते हैं तो आप हमारी पिछली पोस्ट देख सकते हैं, जिसमें हमने निफ्टी की तरह ही बैंक निफ्टी के बारे में भी संक्षेप में बताया है, अभी जाकर पढ़ें Bank Nifty Kya Hai?
Nifty की शुरुआत कब हुई थी ?
Nifty 50 की शुरुआत २२ अप्रैल 1996 में हुई थी | इसका बेस वैल्यू १००० पर सेट होता है और बेस ईयर १९९५ के रूप में लिया जाता है | यह इंडेक्स साप्ताहिक और मासिक Options Trading के लिए NSE पर उपलब्ध है | निफ़्टी की बेस वैल्यू १००० से शुरू होकर वर्तमान में १९००० से भी ज्यादा है | भारतीय स्टॉक मार्केट की प्रदर्शती को मापने और ट्रैक करने के लिए निफ़्टी को बनाया गया है |
Nifty कैसे काम करता है ? How does Nifty Works?
यहाँ तक आपने जाना Nifty kya hai, अब आपको बताते है निफ़्टी कैसे काम करता है | निफ़्टी भारतीय शेयर बाजार में प्रमुख ५० स्टॉक्स का प्रतिक है | निफ़्टी का उद्देश्य ये है की बाजार की स्थिति और गति का संकेत प्रदान करे | निफ़्टी का मूल्यांकन Weighted Average Method से होता है, जिसमे बड़े स्टॉक्स का अधिक प्रभाव होता है | निफ़्टी के Futures & Options contract मार्केट में उपलब्ध है, जो मूल्यांकन में होने वाले परिवर्तन का लाभ उठाने में मदद करते है | इस तरह निफ़्टी बाजार के मूल्यांकन और परिवर्तन को ट्रैक करने में मदद करता है |
निफ़्टी में हर ६ महीने के बाद Re-balance किया जाता है ताकि इस सूचि में शामिल कंपनीज को समय-समय पर पुनर्गठन कर सके और ये सूचि सदा अपडेट रहे और मार्केट के वास्तविक स्थिति को दर्शा सके | Rebalance की प्रक्रिया में कंपनी के परफॉर्मेंस को ट्रैक किया जाता है और देखा जाता है की कंपनी निर्धारित मानदंडों पर खरी उतरती है या नहीं | अगर कोई कंपनी मानदंडों को पूरा नहीं करती तो उसे लिस्ट में से बाहर निकला जाता है. और कोई नई कंपनी निर्धारित मानदंडों को पूरा करती है तो उसे लिस्ट में ऐड किया जाता है | Rebalance की Cut – Off date प्रत्येक वर्ष की ३१ जनवरी और ३१ जुलाई होती है |
निफ़्टी की गणना कैसे की जाती है ?
निफ़्टी की गणना करने के लिए सर्वप्रथम निफ़्टी में शामिल ५० कंपनियों के market capitalization को निकाला जाता है | मार्केट कैपिटलाइजेशन निकालने के लिए कंपनी के कुल शेयर्स को उनके एक शेयर की कीमत के गुना जाता है | निफ़्टी की गणना मार्केट कैपिटलाइजेशन वेटेड मेथड से की जाती है | इस मेथड में सरकार द्वारा अथवा प्रमोटरों द्वारा होल्ड किये हुए शेयर्स को हटाया जाता है |
(बेस वर्ष का वर्तमान मार्केट वैल्यू / मार्केट कैपिटलाइजेशन)* १०००
Formula के अनुसार निफ़्टी की गणना करने के लिए बेस ईयर गणना और बेस वैल्यू की आवश्यकता होती है | १९९५ को बेस ईयर और १००० को बेस वैल्यू माना गया है |
Nifty के Components क्या है ?
निफ़्टी को विभिन्न सेक्टरों से बनाया हुआ है | इसमें बैंकिंग, ऊर्जा, आईटी, कंस्यूमर गुड्स जैसी अलग अलग कंपनियों का समावेश होता है | HDFC, HDFC Bank, Reliance Industries, TCS, ITC, Infosys जैसे लार्ज कैप और हाइली लिक्विड टॉप कंपनीज शामिल है |
निफ़्टी में शामिल विभिन्न सेक्टर्स और उनका Weightage अथवा निफ़्टी में शामिल ५० कंपनिया और उनका Weightage जानने के लिए. पोस्ट अवश्य पढ़े
निफ़्टी का महत्त्व – Importance of Nifty
- निफ़्टी ५० देश की आर्थिक स्थिति का एक माप होता है | यदि निफ़्टी पूरी तरह से उत्तम प्रदर्शन कर रहा है, तो इसका मतलब है की बाजार में कंपनिया अच्छा परफॉर्म कर रही है | उल्टा यदि निफ़्टी गिर रहा है, तो यह संकेत देता है की बाजार में अस्थिरता है |
- निफ़्टी ५० को निवेशक अपने निवेश के प्रदर्शन का मानक बनाने के लिए उपयोग करते है |
- निफ़्टी ५० में विभिन्न क्षेत्रो की टॉप कंपनिया शामिल होती है, जैसे की बैंकिंग, आईटी, फार्मा इत्यादि. इसका मतलब है की यह सूची देश के आर्थिक कार्यों की व्यापकता को प्रदर्शित करती है |
- निफ़्टी में Future & Options जैसे डेरिवेटिव्स का व्यापार भी होता है, जो व्यापारियों को बाजार की दिशा में अनुमान लगाने और अपनी जोखिम स्थिति को प्रबंधन करने में मदद करती है |
- निफ़्टी की स्थिति को देखकर निवेशक अपनी निवेश योजनाओं का पुनर्मूल्यांकन कर सकते है और अपने जोखिम को समझ सकते है |
निफ़्टी में निवेश कैसे करते है ? Nifty मैं Trading कैसे करे ?
अब तक आप अच्छे से जान गए होंगे Nifty kya hai. अब जानते है इसमें निवेश कैसे करते है | निफ़्टी में Future & Options डेरिवेटिव्स का उपयोग कर ट्रेडिंग की जाती है | इसमें आप Intraday या फिर Positional Trading कर सकते है | निफ़्टी में निवेश करने के लिए सर्वप्रथम अपने डीमैट अकाउंट में Future & Options segment को एक्टिवेट करना पड़ता है | Future & Options Segment को कैसे एक्टिवेट करे इसके बारे में जानने के लिए – How To Activate Futures And Options In Zerodha यह पोस्ट अवश्य पढ़े |
निफ़्टी में option Buy or Sell करके आप मुनाफा कमा सकते है | आपको लगता है की निफ़्टी की कीमत बढ़ने वाली है तो आप Call option को Buy कर सकते है और Put option को Sell कर सकते है | वैसेही आपको लगता है की निफ़्टी की कीमत गिरने वाली है तो आप Put option को Buy कर सकते है और Call option को Sell कर सकते है |
Nifty में Lot size कितना होता है ?
निफ़्टी ५० के Future & Options का लॉट साईज ७५ था लेकिन निफ़्टी में निवेशकों की भागीदारी बढ़ाने के लिए वर्तमान में इसके Future & Options का लॉट साईज ७५ से घटाकर ५० कर दिया गया |
इसमें आप निफ़्टी Future & Options का १ लॉट खरीदते है तो उसमे ५० यूनिट आते है | एक यूनिट की कीमत अगर ५० Rs..है तो आपको निवेश करने के लिए ५०*५० = २५०० Rs. कैपिटल लगता है | और कीमत १० रुपये बढ़कर ६० हो गयी तो आपको १०*५० = ५०० Rs. मुनाफा होता है |
निफ़्टी में निवेश करने के फायदे क्या है – Benefits (PROS) of investing in Nifty
निफ़्टी एक मार्के इंडेक्स है जिसमे भारतीय स्टॉक मार्केट की मुख्य ५० कंपनियां शामिल होती है | इसमें निवेश करने से निवेशकों को फायदे होते है , जैसे की:
१. विविधीकरण (Diversification)
निफ़्टी में निवेश करने से आप अपने पोर्टफोलियो को विविध कंपनियों और क्षेत्रों में विविधीकरण कर सकते है, जिससे आपका निवेश अधिक सुरक्षित हो सकता है |
२. लिक्विडिटी
निफ़्टी मार्केट बड़ा और अच्छे व्यापारिक लिक्विडिटी वाला बाजार है | यहाँ पर बड़ी मात्रा में खरीददारी और बेचाई होती है, जिससे निवेशकों को व्यापार के लिए बेहतर मौके मिलते है |
३. मार्जिन और लेवरेज
निफ़्टी में निवेशकों को मार्जिन और लेवरेज का उपयोग करने का मौका मिलता है | यह उन्हें कम पुंजी में बड़ी वापसी की संभावना प्रदान करता है |
४. वृद्धि अवसर
निफ़्टी में ट्रेडिंग करके निवेशक बाजार के उतार – चढ़ाव का उपयोग कर वृद्धि के अवसर पर काम कर सकते है | सही समय पर खरीददारी – बेचाई से उन्हें लाभ हो सकता है |
५. वित्तीय स्वतंत्रता
निफ़्टी में ट्रेडिंग करने से निवेशक वित्तीय स्वतंत्रता का आनंद उठा सकते है | वे खुद निर्णय ले सकते है की कैसे और कब व्यापर करना चाहिए |
निफ़्टी में निवेश करने के नुकसान – Disadvantages (CONS) of investing in nifty
निफ़्टी में निवेश करने से आपको अच्छे लाभ के साथ साथ नुकसानों का भी सामना करना पड़ सकता है, वो कुछ इस तरह –
१. बाजार की अस्थिरता
निफ़्टी मार्केट बहुत ही अस्थिर होता है और बाजार में उतार – चढाव होते रहते है | यह व्यापारी के लिए अपने निवेश को बचाने की कठिनाइयों का कारण बन सकता है |
२. उच्च लेवरेज का उपयोग
निफ़्टी में व्यापर करते समय उच्च लेवरेज का उपयोग करने से आपकी निवेश संख्या बढती है, लेकिन इससे नुकसान की संभावना भी बढ़ती है | यदि बाजार की चाल के खिलाफ व्यापारी को सही अनुमान नहीं होता है, तो उच्च लेवरेज से नुकसान होने की संभावना बढ़ जाती है |
३. तकनीकी विश्लेषण की कठिनाइयाँ
निफ़्टी में व्यापार करने के लिए तकनीकी विश्लेषण की समझ आवश्यक होती है | यदि आपके पास उचित ज्ञान नहीं है, तो आप गलत निर्णय ले सकते है, जो आपको नुकसान पहुंचा सकते है |
४. अज्ञानता की समस्या
निफ़्टी में नए व्यापारी अक्सर अज्ञानता के कारण नुकसान उठाते है | उन्हें बाजार के कामकाज, वित्तीय समझ और विभिन्न निवेश स्तरों के बारे में समझने में समस्या हो सकती है |
५. विपरीत मानसिकता
निफ़्टी में व्यापर करने के दौरान यदि आप विपरीत मानसिकता में आ जाते है, और सही समय पर निवेश नहीं कर पाते तो आप नुकसान उठा सकते है |
इसलिए निवेश करने से पहले आप को बाजार के तथ्यों और निवेश की प्रक्रिया को अच्छे से समझने की जरुरत होती है |
समापन
निफ़्टी भारतीय शेयर बाजार का प्रमुख पैरामीटर है जो विभिन्न कंपनियों के स्टॉक्स की मूल्य का प्रतिनिधित्व करता है | यह निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है, जो उनके निवेश फैसलों को समझने और वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करती है |
हम आशा करते है की इस पोस्ट में आप अच्छी तरह से जान गए होंगे की Nifty kya hai ?, Nifty कैसे काम करता है, निफ़्टी की गणना कैसे की जाती है, निफ़्टी में Trading कैसे करते है?|
अगर आपको निफ़्टी के बारे में कोई शंका हो , तो कमेंट बॉक्स में पूछ सकते है |